हरियाणा के सफीदों के रहने वाले व इंडियन कोस्ट गार्ड में बतौर कमांडिंग ऑफिसर तैनात राजकमल अत्री का राष्ट्रपति तटरक्षक अवार्ड के लिए चयन हुआ है और जल्द ही उन्हे राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्म द्वारा उन्हे यह अवार्ड प्रदान किया जाएगा। यह पदक उनके विशिष्ट वीरता, असाधारण कर्तव्यनिष्ठा और सराहनीय सेवा के सम्मान में प्रदान किया जाएगा। उन्हे राष्ट्रपति की ओर से मेडल, प्रशस्ति पत्र व 6 लाख रुपए प्रदान किए जाएंगे। इसके अलावा हरियाणा सरकार की ओर 10 लाख रुपए प्रदान किए जाएंगे। उनके इस उच्च स्तरीय अवार्ड के चयन की खबर पाकर गांव ही नहीं बल्कि पूरे सफीदों क्षेत्र में खुशी की लहर है। उनके निवास पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। गण्यमान्य लोग उनके पिता एडवोकेट नरेश कुमार अत्री से मिलकर बधाई दे रहे हैं।

इस कार्य के लिए मिला राष्ट्रपति अवार्ड
गौरतलब है कि 17 नवंबर 2024 को समुंद्र में भारत-पाक सीमा के पास करीब 7 मछुआरे मछलियां पकड़ते-पकड़ते गलती से पाकिस्तानी सीमा में प्रवेश कर गए। पाकिस्तानी मैरीटाइम सिक्योरिटी एजेंसी (पीएमएसए) का जहाज पीएमएस नुसरत इन मछुआरों को जबरदस्ती गिरफ्तार करके अपनी सीमा पर ले जा रहा था। दोपहर करीब साढे तीन बजे भारतीय तटरक्षक बल के जहाज आईसीजी अग्रिम (आईसीजी अग्रिम) के पास भारतीय फिशिंग बोट कालभैरव से एक इमरजेंसी कॉल आई। इस डिस्ट्रेस कॉल के माध्यम से मदद मांगी गईं। मदद की कॉल आने के बाद इंडियन कोस्ट गार्ड में बतौर कमांडिंग ऑफिसर तैनात राजकमल अत्री मौके पर पहुंचे और वे जान को जोखिम में डालकर मछुआरों को बचाने के लिए अदम्य साहस का परिचय देते हुए पाकिस्तानी सीमा में प्रवेश कर गए। उन्होंने करीब पाकिस्तानी जहाज के साथ संघर्ष करते हुए सातो मछुआरों को बचा लिया और उन्हे सुरक्षित तरीके से भारतीय सीमा में प्रवेश करवाते हुए समुंद्री तट पर ले आए। सातों मछुआरों को पकड़कर पाकिस्तान ले जाने का प्लान था, जोकि असफल रहा। कमांडिंग ऑफिसर राजकमल अत्री के इस साहसिक कार्य की इंडियन कोस्ट गार्ड में काफी प्रशंसा हुई। इंडियन कोस्ट गार्ड के अधिकारियों ने भी उनकी तारीफ करते हुए उन्हे अनेक प्रशंसा पत्र प्रदान किए गए और उनका नाम राष्ट्रपति तटरक्षक अवार्ड के लिए भेजा गया। अब उनका इस अवार्ड के लिए चयन हो गया है।

पिता नरेश कुमार अत्री ने बताया कि उनका परिवार शुरू से ही देश सेवा के प्रति समर्पित है। राजकमल अत्री शुरू से ही देश सेवा में जाना चाहता था। काफी मेहनत करके वह आगे बड़ा और उसकी नियुक्त भारतीय तटरक्षक सेवा में हो गई। राजकमल शुरू से ही निडर स्वभाव का रहा है और उसी के बल पर उसने पाकिस्तानी सेना के छक्के छुडाते हुए 7 भारतीय मछुआरों को वह सुरक्षित बचाकर ले आया। उसकी उपलब्धि को देखते हुए उसका चयन राष्ट्रपति तटरक्षक अवार्ड के लिए हुआ है, जोकि स्वयं उनके लिए, परिवार के लिए, गांव के लिए व समूचे सफीदों इलाके के लिए गौरवपूर्ण बात है। उनका सीना आज गर्व के साथ चौड़ा हो गया है। उन्होंने बताया कि जब राजकमल गांव में आएगा तो उसका भव्य स्वागत किया जाएगा।
देश सेवा से जुड़ा है परिवार
कमांडेंट राजकमल अत्री का परिवार शुरू से ही देश सेवा से जुड़ा हुआ है। ख्खुद तो राजकमल अत्री भारतीय तटरक्षक सेवा में कमांडिंग ऑफिसर हैं ही, साथ ही साथ उनके छोटे भाई भारतीय वायुसेना में स्क्वाड्रन लीडर हैं। वहीं उनके पिता नरेश कुमार अत्री भारतीय वायुसेना व परमाणु ऊर्जा विभाग से रिटायर्ड हैं। फिलहाल वे सफीदों सिविल कोर्ट में वकालत कर रहे हैं।