
राजस्थान में वितरित की जा रही खांसी की दवाई के गंभीर परिणाम सामने आए हैं सीकर जिले के एक गांव में 5 वर्षीय मासूम बच्चे की यह खांसी की दवा पीने से मौत हो गई जबकि अन्य बहुत से लोगों की तबीयत बिगड़ने की बात सामने आई है खास बात यह है कि यह दवा सरकारी निशुल्क दवा योजना के तहत वितरित की जा रही थी। सरकार ने दवा का वितरण करने पर तुरंत रोक लगा दी है दवा के सैम्पल ले कर जांच के आदेश जारी कर दिए हैं
सीकर जिले के खोरी ब्राह्माण गांव के रहने वाले मुकेश शर्मा ने अपने 5 वर्षीय बेटे नितियांश को खांसी होने के चलते दवाई के लिए रविवार को चिराना स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से दवा दिलाई, दवा पीने के बाद बच्चे की तबियत बिगड़ने लगी लेकिन सोमवार को सुबह जब उसे हस्पताल ले जाया गया तो उसकी मौत हो चुकी थी।
साथ ही भरत पुर से भी एक मामला सामने आया जिसमे भरतपुर के बयाना क्षेत्र से 3 साल के बच्चे की तबियत बिगड़ने की बात सामने आई बताया जा रहा है सिरप पीने के बाद बच्चे की धड़कन असामान्य रूप से बढ़ने लगी और वह बेहोश हो गया
ऐसी बातें सामने आने के बाद सरकार ने दवा वितरण पर तुरंत रोक लगा दी है और दवा के सैंपल ले कर जांच के लिए भेज दिए गए हैं राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह ने जांच और कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं
सरकारी हस्पतालों में वितरित की जाने वाली दवाओं की गुणवत्ता पर एक बार फिर से सवाल खड़े हो गए हैं लोगों के मन मे यह भय है कि बच्चों को इस तरह से दवा दिलवाना सही भी है या नही, सरकार ने भले ही जांच और कार्यवाही का आश्वाशन दिया हो लेकिन यह मुद्दा अब लोगों व स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का विषय बन गया है