
हर साल दिवाली और अन्य त्योहारों के मौके पर पटाखों के जलने से वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों और पर्यावरण प्रेमियों की चिंता के बाद, सरकार ने ग्रीन पटाखों को बढ़ावा देना शुरू किया है। लेकिन आखिर क्या हैं ये ग्रीन पटाखे, कैसे हैं ये पारंपरिक पटाखों से अलग, और क्या ये सचमुच प्रदूषण मुक्त हैं?
1. क्या हैं ग्रीन पटाखे?
ग्रीन पटाखे (Green Crackers) वे आतिशबाज़ी हैं जिन्हें वैज्ञानिक तौर पर ऐसे डिज़ाइन किया गया है, कि वे पारंपरिक पटाखों के मुकाबले कम प्रदूषण फैलाएँ। इन्हें CSIR-NEERI (नेशनल एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट) ने नई टेक्नोलॉजी और फॉर्म्युला के तहत विकसित किया है। इनके निर्माण में हानिकारक पदार्थों की मात्रा या तो बेहद कम होती है या बिल्कुल नहीं होती।
2. कैसे अलग हैं ग्रीन पटाखे पारंपरिक पटाखों से?
- पारंपरिक पटाखों में एलुमिनियम, बेरियम, पोटेशियम नाइट्रेट, सल्फर जैसे तत्व भारी मात्रा में शामिल रहते हैं, जो वायु और वातावरण के लिए बेहद ख़तरनाक होते हैं।
- ग्रीन पटाखों में या तो ये तत्व इस्तेमाल नहीं होते, या मात्रा बहुत कम (नियंत्रित) होती है।
- ग्रीन पटाखों के जलने पर निकलने वाला धुआं और ध्वनि, पारंपरिक पटाखों के मुकाबले बहुत कम होती है। CSIR-NEERI के मुताबिक, इनकी आवाज़ 110-125 डेसीबल ही होती है, जबकी पुराने पटाखों की आवाज़ 160 डेसीबल तक पहुंच जाती है।
- पारंपरिक पटाखों के धुएं में भारी मात्रा में कार्बन, सल्फर डाइऑक्साइड, और भारी धातुएं शामिल होती हैं, जबकि ग्रीन पटाखों में इनका उत्सर्जन लगभग 30-40% कम होता है।
3. ग्रीन पटाखों के मुख्य प्रकार कौन-से हैं?
CSIR-NEERI ने तीन मुख्य श्रेणी के ग्रीन पटाखे तैयार किए हैं:
- SWAS (Safe Water and Air Sprayer): यह पटाखा जलने पर जल के सूक्ष्म कण छोड़ता है जो वातावरण को कम दूषित करते हैं।
- SAFAL (Safe Minimal Aluminium): इसमें एलुमिनियम का इस्तेमाल नहीं होता या बहुत कम होता है।
- STAR (Safe Thermite Cracker): इसमें पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर नहीं होता।
इन सभी ग्रीन पटाखों पर CSIR का ग्रीन लोगो और QR कोड लगाया जाता है, जिससे असली पटाखों की पहचान की जा सके।
4. क्या ग्रीन पटाखे सच में प्रदूषण मुक्त हैं?
वैज्ञानिकों व पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रीन पटाखे पूरी तरह प्रदूषण मुक्त नहीं हैं, लेकिन ये पारंपरिक पटाखों की तुलना में ज़्यादा सुरक्षित हैं। इनसे वातावरण में कम मात्रा में विषैली गैसें, भारी धातुएं, और ध्वनिप्रदूषण फ़ैलता है। ये लगभग 40% तक प्रदूषण कम करते हैं, पर पूरी तरह शून्य नहीं। इसलिए इनका इस्तेमाल भी संतुलित मात्रा में ही करना चाहिए।
5. ग्रीन पटाखे खरीदते समय क्या सावधानी रखें?
- सिर्फ पैकेट पर CSIR-NEERI का हरा लोगो और QR कोड देखकर ही ग्रीन पटाखा समझा जाए। इन्हें चेक करके असली और नकली का फर्क करें।
- SC और सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ही इस्तेमाल करें, और ज्यादा मात्रा या देर तक जलाने से बचें।